आज के समय में हर कर्मचारी अपनी मेहनत की कमाई (Salary) समय पर पाने का हकदार है। लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि कंपनी या नियोक्ता (Employer) वेतन समय पर नहीं देते। अगर आपकी Salary बार-बार लेट हो रही है या कई महीने से अटकी हुई है, तो आपको अपने हक के लिए कानूनी कदम उठाना चाहिए।
भारत के Labour Law और Payment of Wages Act, 1936 में साफ लिखा है कि कर्मचारी को उसका वेतन निश्चित समय पर देना कंपनी की जिम्मेदारी है।
Salary देर होने पर आपके अधिकार (Your Rights)
- हर कर्मचारी को तय तारीख तक वेतन पाने का हक है।
- अगर कंपनी 10 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी देती है, तो 7 तारीख तक salary देनी होती है।
- छोटी कंपनियों (10 से कम employees) में salary 10 तारीख तक देना जरूरी है।
- बिना कारण salary रोका जाना कानूनी अपराध है।
क्या करें अगर Salary देर से मिले ?
पहले Employer से बात करें
- सबसे पहले HR या Employer से लिखित में (ईमेल/चिट्ठी) पूछें।
- कई बार technical reason या company की accounting issue की वजह से salary delay होती है।
अगर जवाब न मिले तो Complaint करें
अगर बार-बार बात करने के बावजूद salary नहीं मिल रही है, तो आप Labour Office और Labour Court का सहारा ले सकते हैं।
अज्ञात तरीका: Labour Office में शिकायत (Anonymous Complaint)
अगर आप सीधे नाम बताकर शिकायत नहीं करना चाहते, तो आप Labour Department में अज्ञात (Anonymous) शिकायत कर सकते हैं।
- Labour Office में लिखित complaint दें।
- इसमें अपनी company का नाम, address, salary delay का महीना और details लिखें।
- अगर आप डर के कारण अपना नाम नहीं देना चाहते, तो anonymous complaint भी possible है।
- Labour Inspector आपकी कंपनी के खिलाफ जांच करता है और employer को नोटिस भेजता है।
इससे employer पर दबाव पड़ता है और अक्सर salary तुरंत रिलीज कर दी जाती है।
Labour Court में केस करना
अगर Labour Office की complaint से भी salary नहीं मिलती, तो आप Labour Court का सहारा ले सकते हैं।
Labour Court में केस कैसे करें ?
- Labour Court में एक Claim Application भरनी होगी।
- Salary proof (Offer Letter, Appointment Letter, Salary Slip, Bank Statement) साथ लगाना होगा।
- कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा और employer को notice भेजेगा।
- अगर employer guilty पाया जाता है तो उसे salary के साथ-साथ compensation भी देना पड़ सकता है।
किन कर्मचारियों को Labour Court का हक है ?
- 18,000 रुपये महीने तक सैलरी पाने वाले कर्मचारी सीधे Labour Court में जा सकते हैं।
- इससे ज्यादा सैलरी पाने वाले भी Civil Court या High Court में केस कर सकते हैं।
Salary Delay के मामले में कौन से कानून मददगार हैं ?
- Payment of Wages Act, 1936 – समय पर वेतन का अधिकार।
- Industrial Disputes Act, 1947 – नौकरी से निकाले जाने और वेतन रोके जाने के खिलाफ।
- Labour Court & Tribunal Rules – compensation और पेनल्टी का प्रावधान।
Salary लेट होने पर क्या-क्या मिलेगा ?
अगर आप लेबर ऑफिस या कोर्ट में शिकायत करते हैं और केस जीत जाते हैं तो आपको :
- रोका गया पूरा वेतन
- ब्याज (Interest)
- Compensation (Penalty)
- कुछ मामलों में मानसिक उत्पीड़न (Harassment) का हर्जाना भी मिल सकता है।
FAQs
Q1. अगर Salary बार-बार लेट होती है तो क्या करें?
सबसे पहले HR/Employer से लिखित में पूछें, नहीं सुनते तो Labour Office में शिकायत करें।
Q2. Labour Office में शिकायत करने के लिए क्या जरूरी है?
कंपनी का नाम, पता और Salary delay का proof (Bank statement, Appointment letter, Offer letter आदि)।
Q3. क्या मैं गुप्त (Anonymous) complaint कर सकता हूँ ?
हाँ, Labour Office में अज्ञात शिकायत भी की जा सकती है।
Q4. Labour Court में केस कितने दिन में होता है ?
सामान्यतः 3–6 महीने में फैसला आ सकता है, लेकिन केस के अनुसार समय बदल सकता है।
Q5. क्या employer को सज़ा भी हो सकती है ?
हाँ, employer पर fine और कभी-कभी jail तक की सज़ा हो सकती है अगर बार-बार कानून तोड़ा जाए।
निष्कर्ष (Conclusion)
अगर आपकी salary बार-बार late हो रही है, तो यह आपकी मेहनत के साथ नाइंसाफी है।
पहले employer से लिखित में बात करें। अगर salary फिर भी न मिले तो बिना डर Labour Office में शिकायत करें और जरूरत पड़ने पर Labour Court का सहारा लें। कानून आपके साथ है और हर कर्मचारी को उसकी मेहनत की कमाई समय पर मिलनी चाहिए।